भगत सिंह नास्तिक क्यों थे ?
भगत सिंह नास्तिक क्यों थे ?
नास्तिक वही होता है
जो विद्रोह करता है
लेकिन हर विद्रोही नास्तिक नहीं होता
चम्बल के विद्रोही नास्तिक नहीं थे
प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के विद्रोही भी
नास्तिक नहीं थे
लेकिन
लेनिन नास्तिक थे
भगत सिंह नास्तिक थे
बुद्ध नास्तिक थे
पेरियार भी नास्तिक थे
जो विद्रोही
सत्ता बदलने के लिए खड़े होते है
उनमें
जोश जुनून
और माटी से प्रेम की भावना
प्रबल होती है
लेकिन
जो विद्रोही
सम्पूर्ण व्यवस्था को बदलने की
हिम्मत रखते है
उनमे
जोश जुनून और
माटी से प्रेम के साथ ही
समस्यायों के
मूल तक पहुंचकर
उसे जड़ से मिटाने की जिद होती है
इसलिए ऐसे विद्रोही
सिर्फ सत्ता के विरुद्ध ही नहीं होते
वे
परंपराओं रूढ़ियों
और प्रचलित धर्मों के विरुद्ध भी होते हैं
भगत सिंह सिर्फ विद्रोही नहीं थे
वे नास्तिक भी थे.
दुनिया को ऐसे ही
नास्तिकों ने बदला है
और दुनिया को
आज ऐसे ही
नास्तिकों की
सख्त जरूरत भी है...
इंकलाब जिंदाबाद
भगत सिंह जिंदाबाद...
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