युद्ध के खिलाफ बच्चे

*युद्ध के खिलाफ बच्चे*

दुनिया भर के बच्चे और औरतें
उतर आईं है एक तानाशाह के खिलाफ
जीती जागती बोलती विद्रोही कविताएं
उतर आईं हैं मैदान में

तानाशाह डरा हुआ है
पर मदारी जो ठहरा
तमाशा दिखा रहा है
पिटारी में सांप जो रखा है

तुम्हारा खेल खत्म हो चुका है तानाशाह !
अब तुम्हारे ईश्वर के खिलाफ खड़ी हो गई हैं विद्रोही कविताएं
तुम्हारा मायावी ईश्वर अब टिक नहीं पाएगा
जीती जागती बोलती विद्रोही कविताओं के सामने
तुम्हारे हथियार अब तुम्हारे ईश्वर की तरफ़ ही मोड़े जाएंगे

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